Tuesday, 6 March 2018

Interesting Fact about paint's

पेंट के बारे मैं जानकारी

पेंट तरल पदार्थ होता है जो एक पतली परत के रूप में विभिन्न वस्तुओं के तल पर चढ़ाया जाता है।

Anand singh
पेंट (Paint) या प्रलेप तरल या अर्धतरल पदार्थ होता है जो बहुत पतली परत के रूप में विभिन्न वस्तुओं के तल पर चढ़ाया जाता है। बाद में यह ठोस आवरण के रूप में तल पर चिपक जाता है। ठोस में बदलने का कारण विलायक का वाष्पीकरण, या रासायनिक क्रियाएँ, या दोनों ही हो सकते हैं।

वर्णक और वाहक चक्कियों में पीसकर मिलाए जाते हैं। इस काम के लिये अनेक प्रकार की पीसनेवाली चक्कियाँ प्रयुक्त होती हैं।
 जिन पात्रों में वे मिश्रित किए जाते है, वे या तो जंगरोधी इस्पात के बने होते हैं, अथवा उनका भीतरी भाग पत्थर, या पोर्सिलेन, का बना होता है। उसे ठंडा रखने के लिये निचोल (jacket) लगा होता है अथवा फुहारे देने की व्यवस्था रहती है।
तल पर पेंट चढ़ाने की रीतियाँ विभिन्न हैं, जैसे फुहारा द्वारा, तल को पेंट में निमज्जित करके, अथवा बरुश द्वारा लेप से। सभी परिस्थितियों में तल स्वच्छ रहना चाहिए। लकड़ी के सामनों या फर्नीचर के लिये जो पेंट प्रयुक्त होता है, व साधारणतया उच्च कोटि का होता है। ऐसे पेंट का कार्य तल की रक्षा करना और उसे आकर्षक बनाना होता है।
संरचना
प्रलेप में साधारणत: वर्णक, वर्णकों को बाँधनेवाला कोई वाहक (vehicle) तथा गाढ़ता (consistency) या स्निग्धता को नियंत्रित करनेवाला कोई तरलक (thinner) रहता है। इनके अतिरिक्त कुछ पेंटों में विस्तारक (extenders) तथा अल्प मात्रा में शोषक (driers) भी मिलाए जाते हैं। शोषक का कार्य प्रधानतया पेंट के सूखने में सहायक होना होता है, पर कुछ शोषक विशेष कार्यो का संपादन भी करते हैं।
वर्णक

सामान्यत: अकार्बनिक पदार्थ होते हैं। यदि उनमें कार्बनिक रंजक निलंबित हों, तो उन्हें "लेक" (lake) कहा जाता है। वर्णक साधारणतया ऐसा होना चाहिए कि उसकी आच्छादन क्षमता ऊँची हो, वह तल पर शीघ्रता से चिपक जाय ओर उसका रंग आकर्षक हो। यदि वह रंगीन है, तो उसका रंग प्रकाश के प्रति स्थायी और ऋतुसह्य होना चाहिए। सामान्यत: वह विषैला नहीं होना चाहिए। रसायनत: वह निष्क्रिय और सस्ता होना चाहिए। अधिक महत्व के वर्णक निम्नलिखित है :
श्वेत वर्णक - जिंक ऑक्साइड, लेडयुक्त जिंक ऑक्साइड, जिंक सल्फाइड, लिथोपोन (बेरियम सल्फेट और जिंक सल्फाइड का मिश्रण) टाइटेनियम ऑक्साइड, एंटिमनी ऑक्साइड, सफेदा (क्षारक सीस कार्बोनेट), क्षारक सीस सल्फेट इत्यादि।
काला वर्णक - कार्बन के विभिन्न रूप, कार्बनकाल, कजली, अस्थिकाल, काला ग्रैफाइट, लोहे के काले ऑक्साइड इत्यादि।
नील वर्णक - अल्ट्रारमेरिन, प्रशियन ब्लू, चाइनीज ब्लू, मेलोरी ब्लू, टर्नबुल, कोबाल्ट ऑक्साइड, थैलोसायनिन ब्लू इत्यादि हैं।
पीत वर्णक - क्रीम पीत (क्षारक लेड क्रोमेट), जिंक क्रीम, कैडमियम पीत (कैडमियम सल्फाइड), हाँसा पीत (Hansa yellow)।
हरा वर्णक - क्रीम ग्रीन, क्रोमियम ऑक्साइड ग्रीन, क्रोमियम हाइड्रॉक्साइड ग्रीन, फास्फोटंगिस्टक ग्रीन, थैनोसायनिन ग्रीन इत्यादि।
लाल वर्णक - आयरन ऑक्साइड, गेरू, जला हुआ सियेना, लाल सीस, कैडमियम सेलेनाइट, बेनेशियम रेड, मुरदासंख (litharge) इत्यादि।
बादामी या भूरा - जला हुआ अंबर, लोहे का ऑक्साइड, सियेना, जला हुआ गेरू इत्यादि।
धातु वर्णक - ऐल्यूमिनियम, ताँबे, कांसे तथा सीस के चूर्ण। ऐल्यूमिनियम का चूर्ण बहुत समय से प्रयुक्त होता आ रहा है। तेल में निलंबित ऐल्यूमिनियम की धूल तल का अच्छा संरक्षण करती है। इससे चमक भी अच्छी आती है। धातुएँ चूर्ण, धूल या फलक, के रूप में प्रयुक्त होती हैं। धातुओं के फलकों का उपयोग अनेक वर्षो से होता आ रहा है और अब उनका उपयोग दिन-दिन बढ़ता जा रहा है।
रंगक (Toners)
वर्णकों के रंगों को उन्नत करने तथा उनमें चमक लाने के लिये आज अनेक पदार्थ उनमें मिलाए जाते हें। ऐसे पदार्थो को रंगक (Toners) कहते हैं। ये सब ही कृत्रिम रीति से प्रस्तुत पदार्थ होते हैं। साधारणतया से डायजो रंजक होते हैं जो डायजो यौगिकों के फिनोल के संयोग से बनते हैं। ये सुंदर रंगों में प्राप्त होते हैं। इन्हें अकार्बनिक विस्तारों (extenders) पर अवक्षिप्त कराया जा सकता है। इस प्रकार के अवक्षेपण से "लेक" प्राप्त होते है। रंगक विस्तारकों पर सामान्यत: अवशोषित हो जाते हैं।
विस्तारक (extenders)
पेंट में प्रयुक्त होनेवाले विस्तारक रसायनत: निष्क्रिय होते हैं। वर्णक में इन्हें मिलाने का उद्देश्य वर्णक में अपमिश्रण (adulteration) करना नहीं होता। ये पेंट को तल पर बाँध रखने में सहायक होते हैं। इनसे चिमड़ापन, गाढ़ापन और आच्छादन क्षमता बहुत कुछ बढ़ जाती है। इनसे पेंट के मूल्य में कमी भी हो जाती है, क्योंकि ये विस्तारक अपेक्षया सस्ते होते हैं। इनको 20 प्रतिशत वर्णक में मिलाया जा सकता है। अधिक महत्व के विस्तारक हैं, बेराइटा या अवक्षिप्त बेरियम सल्फेट, कैल्साइट या कैल्सियम कार्बोनेट, जिप्सम या कैल्सियम सल्फेट, सोपस्टोन या मैग्नीशियम सिलिके

Thursday, 28 December 2017

amazing world funny fact


Something funny fact
 
1,लगता हे patanjali स्कूल की dress आगयी हे।

2 . कोई अवॉर्ड पड़ा हो तो इस को देदो भाई।

3. हे कोई जो इन ladyes को समजा सके।

4.एक बात तो पक्का हे निल आर्मस्ट्रांग moon पर नही गया।

 5.इस की तो पूरी दुनिया दीवानी हे । भाइयो और बहनो

Wednesday, 15 November 2017

amazing fact about Indian currency

FACT ABOUT INDIAN CURRENCY'S

भारतीय मुद्रा (रुपया) से जुड़ी रोचक बातें
 1. भारत में करंसी का इतिहास 2500 साल पुराना हैं। इसकी शुरूआत एक राजा द्वारा की गई थी।

 2. अगर आपके पास आधे से ज्यादा (51 फीसदी) फटा हुआ नोट है तो भी आप बैंक में जाकर उसे बदल सकते हैं।

3. बात सन् 1917 की हैं, जब 1 रुपया 13$ डालर के बराबर हुआ करता था। 

4. 1947 में जब भारत आजाद हुआ, 1रू  = 1$ कर दिया गया. 

5. जब धीरे-धीरे भारत पर कर्ज बढ़ने लगा तो इंदिरा गांधी ने कर्ज चुकाने के लिए रूपये की कीमत कम करने का फैसला लिया उसके बाद आज तक रूपये की कीमत घटती आ रही हैं।

6. अगर अंग्रेजों का बस चलता तो आज भारत की करंसी पाउंड होती. लेकिन रुपए की मजबूती के कारण ऐसा संभव नही हुआ।

7. इस समय भारत में 4000 करोड़ रूपए के नकली नोट हैं।

8. सुरक्षा कारणों की वजह से आपको नोट के सीरियल नंबर में I, J, O, X, Y, Z अक्षर नही मिलेंगे।

9. हर भारतीय नोट पर किसी न किसी चीज की फोटो छपी होती हैं जैसे- 20 रुपए के नोट पर अंडमान आइलैंड की तस्वीर है। वहीं, 10 रुपए के नोट पर हाथी, गैंडा और शेर छपा हुआ है, जबकि 100 रुपए के नोट पर पहाड़ और बादल की तस्वीर है। इसके अलावा 500 रुपए के नोट पर आजादी के आंदोलन से जुड़ी 11 मूर्ति की तस्वीर छपी हैं।


10. भारतीय नोट पर उसकी कीमत 15 भाषाओं में लिखी जाती हैं।

11. 1rs में 100 पैसे होगे, ये बात सन् 1957 में लागू की गई थी। पहले इसे 16 आने में बाँटा जाता था।

12. RBI, ने जनवरी 1938 में पहली बार 5  की पेपर करंसी छापी थी. जिस पर किंग जार्ज-6 का चित्र था। इसी साल 10,000 का नोट भी छापा गया था लेकिन 1978 में इसे पूरी तरह बंद कर दिया गया।

13. आजादी के बाद पाकिस्तान ने तब तक भारतीय मुद्रा का प्रयोग किया जब तक उन्होनें काम चलाने लायक नोट न छाप लिए।

14. भारतीय नोट किसी आम कागज के नही, बल्कि कॉटन के बने होते हैं। ये इतने मजबूत होते हैं कि आप नए नोट के दोनो सिरों को पकड़कर उसे फाड़ नही सकते।

15. एक समय ऐसा था, जब बांग्लादेश ब्लेड बनाने के लिए भारत से 5 रूपए के सिक्के मंगाया करता था. 5 रूपए के एक सिक्के से 6 ब्लेड बनते थे. 1 ब्लेड की कीमत 2 रूपए होती थी तो ब्लेड बनाने वाले को अच्छा फायदा होता था. इसे देखते हुए भारत सरकार ने सिक्का बनाने वाला मेटल ही बदल दिया।

 16. आजादी के बाद सिक्के तांबे के बनते थे। उसके बाद 1964 में एल्युमिनियम के और 1988 में स्टेनलेस स्टील के बनने शुरू हुए।

 17. भारतीय नोट पर महात्मा गांधी की जो फोटो छपती हैं वह तब खीँची गई थी जब गांधीजी, तत्कालीन बर्मा और भारत में ब्रिटिश सेक्रेटरी के रूप में कार्यरत फ्रेडरिक पेथिक लॉरेंस के साथ कोलकाता स्थित वायसराय हाउस में मुलाकात करने गए थे। यह फोटो 1996 में नोटों पर छपनी शुरू हुई थी। इससे पहले महात्मा गांधी की जगह अशोक स्तंभ छापा जाता था।

18. भारत के 500 और 1,000 रूपये के नोट नेपाल में नही चलते।

19. 500 ₨ का पहला नोट 1987 में और 1,000 ₨ पहला नोट सन् 2000 में बनाया गया था।

20. भारत में 75, 100 और 1,000  के भी सिक्के छप चुके हैं।

21. 1 ₨ का नोट भारत सरकार द्वारा और 2 से 1,000 ₨ तक के नोट RBI द्वारा जारी किये जाते हैं.

22. 10 ₨ के सिक्के को बनाने में 6.10 ₨ की लागत आती हैं.

 23.नोटो पर सीरियल नंबर इसलिए डाला जाता हैं ताकि आरबीआई (RBI) को पता चलता रहे कि इस समय मार्केट में कितनी करंसी हैं।

24. रूपया भारत के अलावा इंडोनेशिया, मॉरीशस, नेपाल, पाकिस्तान और श्रीलंका की भी करंसी हैं।

 25. According to RBI, भारत हर साल 2,000 करोड़ करंसी नोट छापता हैं।
  
26. हर सिक्के पर सन् के नीचे एक खास निशान बना होता हैं आप उस निशान को देखकर पता लगा सकते हैं कि ये सिक्का कहाँ बना हैं.

 27. रूपया, डॉलर के मुकाबले बेशक कमजोर हैं लेकिन फिर भी कुछ देश ऐसे हैं, जिनकी करंसी के आगे रूपया काफी बड़ा हैं आप कम पैसों में इन देशों में घूमने का लुत्फ उठा सकते हैं.
 नेपाल (1 ₨= 1.60 नेपाली रुपया)
 आइसलैंड (1 ₨ = 1.94 क्रोन)
 श्रीलंका (1 ₨ = 2.10 श्रीलंकाई रुपया)
 हंगरी (1 ₨ = 4.27 फोरिंट)
 कंबोडिया (1 ₨ = 62.34 रियाल)
 पराग्वे (1 ₨ = 84.73 गुआरनी)
 इंडोनेशिया (1 ₨ = 222.58 इंडोनेशियन रूपैया)
 बेलारूस (1 ₨ = 267.97 बेलारूसी रुबल)

 वियतनाम (1 ₨= 340.39 वियतनामी डॉन्ग).


Saturday, 4 November 2017

amazing fact about Elephant

Facts of Elephants

Amazing fact of Elephants

By Anand Banger


बचपन में हम सब ने हाथियोँ को देखा होगा सुना होगा। जाहीर सी बात है। अब भी देखते हे और उन के बारे में सुनतें भी हे। कुछ बातें हे जो आप आज तक नही जानते होंगे। आज हम आप को हाथियों की कुछ अजीबो गरीब बातो से रुबरु करवाते हे ।

1. अगर आपका सामना कभी जंगल में हाथी से हो जाए और बचाव की कोई उम्मीद न रहें तो आपको हाथी से बचने के लिए पेड़ पर नही चढ़ना चाहिए और ना ही किसी चीज के पीछे छिपना चाहिए क्योकिं हाथी के सूंड मे इतनी ताकत होती है कि वह एक झटके में पेड़ को उखाड़कर फेंक सकता है। सबसे आसान तरीका है कि आपको ज्यादा से ज्यादा शोर करना चाहिए. और जोर-जोर से चिल्लाना चाहिए इससे आपके बचने की उम्मीद कहीं ज्यादा है।

2. आपने हमेशा देखा होगा कि हाथी दिन भर अपने कान हिलाता रहता है, क्या आपने कभी सोचा कि ऐसा क्यों? असल में हाथी अपने विशालकाय शरीर की गर्मी को कानों के जरिये बाहर छोड़ता है। यह काम हाथी के कानों की कोशिकाएं करती हैं। यही कारण है कि अफ्रीका के हाथियों के कान बहुत बड़े होते हैं, क्योंकि वहां गर्मी ज्यादा पड़ती है।

 3. रेलवे की शुरुआत में ट्रेन के डिब्बे को धकेलने, उठाने व माल ढ़ोने के लिए क्रेन की जगह हाथी का इस्तेमाल किया जाता था। ये बात 1963 की है, जब बड़ौदा में ट्रेन को खींचने से लेकर माल ढ़ोने तक हाथियों का इस्तेमाल किया गया था।

4. एक हाथी पानी की गंध को 4.5 किलोमीटर की दुरी से सूंघ सकता है. लेकिन आपको बता दे कि हाथी हर मिनट में केवल 2 से 3 बार सांस लेते व छोड़ते हैं।

5. हाथी एक एकलौता जानवर है जो कि कूद नही सकता और जिसके चार घुटने होते है.

6.  शेर को भले ही जंगल का राजा कहा जाता है, लेकिन वह गेंडे और हाथी से कभी भी लड़ना नहीं चाहता।

7.  हर हाथी की गरज़ भी हम मनुष्यों की आवाज की तरह भिन्न होती है. हाल के अध्ययनों से पता चला है कि हाथी जिस आवाज को सुनते हैं, उसकी नक़ल कर सकते हैं।

8. हाथी कभी भी आपस में नही लड़ते. अगर किसी झुंड का एक हाथी मर जाए तो सारा झुंड अजीब-अजीब तरह से गरज़ कर शौक मनाता है.

9. हाथियों में यौवन अवस्था आमतौर पर 13 या 14 साल की आयु में आ जाती है. हाथी एक मात्र ऐसा जानवर है, जिसको यौन क्रिया के लिये उत्तेजित करने के लिये प्रकृति ने अलग से ग्लैंड दिया है, जिसे “टेंपोरल ग्लैंड” कहते हैं, जो कान और आंख के बीच में शरीर के अंदर होता है। वहीं से हाथी अपनी यौन इच्छाओं को नियंत्रित एवं प्रदर्शित करता है। उत्तेजित अवस्था में हाथी के  कान के बीच एक छिद्र में से तरल पदार्थ रिसने लगता है।

10. उत्तेजित अवस्था में हाथी का लिंग करीब 1 मीटर लंबा होता है और अंग्रेजी के अक्षर एस के आकार का हो जाता है।

11. हाथी साफ सुथरा रहना पसंद करते हैं और हर रोज नहाते हैं.

12. हाथी अपनी सूँड से एक फर्स पर गिरा छोटा सा सिक्का भी उठा सकते हैं.

 13. मादा हाथी हर 4 साल में एक बच्चे को जरूर जन्म देती है. इसका गर्भकाल औसतन 22 महीने तक का होता है. 1 प्रतिशत मामलों में जुडवाँ बच्चे जन्म लेते हैं. नव जन्में हाथी की लंम्बाई लगभग 83 सेंटीमीटर और वजन 112 किलो तक का होता है.

14. हाथी के शरीर का सबसे मुलायम हिस्सा उनके कान के पीछे होता है जिन्हें “Knule” कहते हैं. हाथियों को संभालने वाले महंत अपने पैरों का उपयोग करके knule के जरिए हाथियों को निर्देश देते हैं.

15. हाथी की आंखों की रौशनी बहुत कम होती है। खास बात यह है कि तेज़ रौशनी में उन्हें कम दिखाई देता है और कम रौशनी में ज्यादा। हाथी की आंख की पुतलियां बहुत जल्दी सूख जाती हैं, जिस वजह से वो अपनी आंख की पुतलियां हिला नहीं पाता है। पुतलियां आसानी से हिल सकें, इसके लिये उन्हें नम रखना जरूरी होता है, यही कारण है कि हाथी की आंख में एक तरल पदार्थ की सप्लाई होती रहती है, जो ज्यादा होने पर आंख से बाहर निकल आता है, जिसे हम आंसू समझ बैठते हैं।

16. जवान अफ्रीकन हाथी की लंम्बाई 13 फीट तक बढ़ जाती है और भारतीय हाथियों की 10 फीट.

17. अफ्रीकन हाथी का वजन लगभग 6,160 किलोग्राम तक होता है और भारतीय हाथियों का 5000 किलोग्राम तक.

18. हाथियों का जीवन काल औसतन हम मनुष्यों की तरह 70 साल तक का ही होता है.

19. हाथी की आंखों की रौशनी कम होती है, लिहाजा वो अपनी सूँड का इस्तेमाल उसी प्रकार करता है, जिस तरह एक नेत्रहीन व्यक्ति लकड़ी का। हाथी चलते वक्त सूँड से नीचे की ओर फूंकता है, और हवा जमीन से टकरा कर वापस आती है, उससे उसे आगे की राह का अंदाजा हो जाता है।

20. हाथी एक बार में अपनी सूँड में करीब 8 से 9 लीटर तक पानी भर सकता है। वो सूँड से 350 किलोग्राम तक वजन उठा सकता है।

21. हाथी आमतौर पर 6 किलोमीटर प्रति घंटा की रफतार से चलते हैं. इतना विशाल शरीर होने के बावजूद हाथी दिन भर में करीब 10 से 20 किलोमीटर चलते हैं और सोते सिर्फ 3 से 4 घंटे। खास बात यह है कि हाथी लेट कर नही ब्लकि खड़े होकर ही सोते हैं

22. जानवरों में हाथियों का दिमाग सबसे बड़ा होता है और हाथी लंम्बे समय तक पानी में तैर सकते हैं.

23. हाथी दिन के 16 घंटे सिर्फ खाने में ही बिता देते हैं. ये लगभग एक दिन में 120 किलो तक भोजन खा जाते हैं. खास बात यह है कि वो उसका सिर्फ 35 फीसदी ही पचा पाता है, बाकी मल के रूप में बाहर निकल जाता है।

24. नर हाथी 12 से 15 साल की आयु के बीच झुंड़ छोड़ देते हैं.

25. हाथी का बच्चा अक्सर आराम के लिए अपनी सूँड चुसता है.

26.  हाथी भी मनुष्यों की तरह Right या Left Handed होते हैं.

27.हाथी के दाँत उसके जीवन काल के दौरान बढ़ते रहते हैं. अफ्रिकी हाथी के 4 दाँत होते है।

28. हाथी अपने पैरों का उपयोग सुनने के लिए भी करते हैं. जब हाथी चलते हैं तो जमीन में एक विशेष प्रकार का कंपन पैदा होता है. इस कंपन से हाथी दुसरे हाथियों के बारे में जान लेते हैं.

29. “चींटी” हाथी की सूँड में घुस जाये, तो वो मरने की कगार तक पहुंच सकता है, इसीलिये हाथी फूंक-फूंक कर कदम बढ़ाता है।

30. अगर हाथी को चींटी, मच्छर या मक्खी काट भर ले, तो उसे घाव हो सकता है, वैसे तो एक हाथी की चमड़ी लगभग एक इंच तक मोटी होती हैं. लेकिन इसकी त्वचा बहुत संवेदनशील होती है। यही कारण है कि हाथी अपनी त्वचा को सूर्य से निकलने वाली अल्ट्रा वॉयलेट किरणों से बचाने के लिये मिट्टी में लोटता है।

Monday, 30 October 2017

Amazing fact about Psychology

Fact about Psychology


By Anand Banger

1. जो लोग ताना समझने में बढ़िया होते हैं वो अक्सर दिमाग पढ़ने में अच्छे होते हैं.

 2. जो लोग बहुत अधिक कसम खातें हैं, उनकी दोस्ती सच्ची और ईमानदार होती हैं.

 3. Chocolate खाने और Online shopping करने की लत किसी नशे से भी ज्यादा होती हैं.

4. आप जो कपड़े पहनते हैं उनका सीधा असर आपके मूड पर होता हैं इसलिए अच्छे कपड़े पहनो और ज्यादा खुश रहो.

 5. आप जिस व्यक्ति से जितनी अधिक बात करते हैं उसके साथ प्यार में पड़ने की संभावना उतनी ही ज्यादा हो जाती हैं.

6. जो आदमी Serial killers को खूब पसंद करते हैं वो अधिक बातूनी होते हैं.

 7. अगर आप किसी को बात बता रहे हों और वो चुप हैं, तो इसका मतलब हैं वो आपकी बात सुनना नही चाहता.

 8. जिन महिलाओं के दोस्त आसानी से नही बनते, उनका “IQs Level” High होता हैं.

9. ऑनलाइन डेटिंग और ऑनलाइन खरीदारी के मनोवैज्ञानिक सिद्धांत एक सामान हैं.

10. जो लोग अच्छी धूप लेते हैं वो दूसरों के मुकाबले ज्यादा खुश रहते हैं.

11. अगर आप किसी चीज को उसके मालिक के रूप में देखते हैं तो उस चीज को खरीदने की संभावना बढ़ जाती हैं.

12. जो लोग परवाह नहीं करने का नाटक करते हैं, वो सबसे अधिक परवाह करते हैं.

13. जो लोग दूसरो की अधिक बुराई करते हैं उनके अंदर confidence की जबरदस्त कमी होती हैं.

14. जो व्यक्ति सभी को खुश रखने की कोशिश करता हैं अंत मे वह सबसे अधिक दुखी होता हैं.

 15. नास्तिक लोग अधिक सेक्स करते हैं. जूनून के लिए नही, बल्कि अपना अधिकार दिखाने के लिए.

 16. जब एक व्यक्ति मर जाता है तो उसका दिमाग 7 मिनट तक जिंदा रहता हैं जिसमे वो अपने जीवन कि सभी यादें एक सपने की तरह देखता हैं.


17. यदि आपका अधिकतर समय Negative thoughts में गुज़र जाता हैं तो इसका कारण आपके अंदर का एक जीन हैं.

18. 80% लोग Music सिर्फ नकरात्मक विचारों से छुटकारा पाने के लिए सुनते हैं.

19. आपकी जीभ की लंबाई का संबंध आपकी सेक्स करने की इच्छा से होता हैं और जो लोग अपनी कोहनी चाट सकते हैं वो नई चीजें करने के इच्छुक ज्यादा होते हैं.

 20. यदि आप किसी से सेक्स करना चाहते हैं तो आपके दिमाग के लिए उसे झूठ बोलना असंभव-सा लगता हैं.

21. कुछ चीज भूल जाने पर आंखे बंद करके उसे याद करने से, वो चीज जल्दी याद आती हैं.

 

Saturday, 28 October 2017

amazing fact about Math

Interesting fact of Math

                Amazing fact about Math

By Anand Banger

1. 2520 ऐसा सबसे छोटा अंक है जो 1 से लेकर 10 तक के सभी अंको से पूरा divide हो सकता हैं.

2. Mathematicians के अनुसार टाई बांधने के 177,147 तरीके हैं.

 3. 259 × 39 × आपकी उम्र = तीन बार आपकी उम्र की संख्या दखाई देगी।

4. अगर एक जगह पर 23 आदमी खड़े है तो उनमें से 2 का जन्मदिन मिलने की संभावना 50% हैं.

5. पुरातन बेबीलोन के लोग गणित को 10 के बजाय 60 के आधार पर करते थे. इसी वजह से Circle में 360° और 1 मिनट में 60 सेकेंड होते हैं.

 6. 1900 में पूरी दुनिया की गणितीय जानकारियों को सिर्फ 80 किताबों में लिखा जा सकता था, लेकिन आज ये 1 लाख से भी ज्यादा किताबें भर सकती हैं.

7. Eratosthenes ने आज से 2200 साल पहले मिस्त्र से बाहर जाए बिना ही धरती की परिधि की गणना गणित की सहायता से कर दी थी.

 8. गणितज्ञ Paul Erdos, 4 साल की उम्र में ही इतना तेज था कि अगर उसे किसी मरे हुए आदमी की उम्र बता देते थे तो वो दिमाग में ही calculation करके ये बता देता था कि आदमी कितने सैकेंड जिया.

9. स्कूल के समय में 74% लडकियाँ विज्ञान, तकनीकी इंजीनियर और गणित में अपनी रूचि दिखाती है लेकिन college के टाईम पर सिर्फ 0.4% लडकियाँ ही computer science लेती हैं.

10. 21978 को 4 से गुणा करने पर उत्तर इस संख्या का उल्टा 87912 आयेगा.

11. 10 सेकेंड पूरे 6 हफ्तों के बराबर हैं 10! मतलब 10 का फैक्टर. 10! = 10×9×8×7×6×5×4×3×2×1=3628800 सेकेंड. जो कि 42 दिन यानि 6 हफ्तों के बराबर हैं.

12. Isaac Newton’s के Mathematica सिद्धांत में एक छोटी सी calculation गलत थी लेकिन 300 साल तक इस पर किसी ने ध्यान नही दिया.

13. सबसे बड़ा primary number 2 करोड़ 20 लाख अंको से भी बड़ा हैं.

14. Newton को calculus की खोज में उतना ही समय लगा था जितना एक विधार्थी को इसे याद करने में लगता हैं.

15. जीरो “0” अकेला ऐसा अंक है जिसे हम रोमन में नही लिख सकते.

16. एक केक को 8 भागों में काटना महज 3 slices से संभव है, क्या आप भी इसे कर के दिखा सकते हैं?

17. 555 को थाईलैंड में “हाहाहा” के तौर पर प्रयोग किया जाता है क्योंकि “फाइव” का उच्चारण वहां “हा” होता हैं.

18. अगर आप Pi के मान “3.14 को पलटकर पीछे से देखें तो वह अंग्रेजी के PIE शब्द की तरह दिखाई देता हैं.

19. सूरजमुखी की कुंडली जैसी संरचना Fibonacci sequence को follow करती हैं.

20. शब्द hundred दूसरे शब्द “hundrath” से लिया गया है जिसका मतलब 120 होता है न कि 100.


Sunday, 22 October 2017

Amazing history about Manya Surve

History about Manya surve

By Anand Banger

मनोहर अर्जुन सुर्वे- Manya Surve आज की दुनिया में कम ही लोग होंगे जो manya surve को नही जानते होंगे।
Manya surve मुंबई के अंडरवर्ल्ड की दुनिया पर छाप छोड़ने वाला वह एक डॉन था। उस समय मन्या अपनी शैतानी हिम्मत और रणनीतिक योजनाओ के लिए जाना जाता था।


मन्या सुर्वे का जन्म 1944 में भारत में महाराष्ट्र राज्य के रत्नागिरी कोकण क्षेत्र के पावस जिले के रंपर गाँव में हुआ था।
 1952 में सुर्वे अपनी माँ और बड़े पिताजी के साथ मुंबई रहने के लिए आ गया था। मुंबई आने के बाद कयी सालो तक वह लोअर परेल की चौल में रहने लगा। मन्या सुर्वे कीर्ति कॉलेज से ग्रेजुएट है और जब उसने कॉलेज में ही छात्रो के साथ एक गैंग का निर्माण किया था, तभी उसे परीक्षा में 78% भी मिले थे।
उस समय मन्या सुर्वे की गैंग में मुख्य रूप से सुमेश देसाई और भार्गव दादा शामिल था। भार्गव मुंबई में दादर के अगर बाज़ार का हत्यारा था। 1969 में मन्या दांडेकर नाम के इंसान की हत्या में शामिल था, जिसमे उसका साथी उसी का चचेरा भाई मन्या पोधकर था।

 इनकी तिकड़ी को पुलिस इंस्पेक्टर ई.एस. दाभोलकर ने जल्द ही गिरफ्तार कर लिया और कोर्ट ने भी उन्हें आजीवन कारावास की सजा सुनाई।

उस समय के सबसे प्रसिद्ध पठान डॉन को पूरी तरह से भयभीत कर दिया था, जो पिछले दो दशको से मुंबई अंडरवर्ल्ड पर राज कर रहे थे। लेकिन पठान ने भी अपनी विरोधी गैंग केसर ग्रुप को पराजित करने के लिए मन्या सुर्वे की सहायता ली थी।

इस गैंग का नेतृत्व दावूद इब्राहीम का बड़ा भाई सबीर कर रहा था। मन्या की सफलता का यही सबसे सुलझा हुआ राज था। उस समय शहर की सबसे मशहूर गैंग भी उससे सहायता लेने के लिए आती थी और ऐसा करते हुए वह दूसरो को ख़त्म कर देता था।

यह मुंबई के उन अंडरवर्ल्ड का पहला पढ़ा-लिखा हिन्दू गैंगस्टर था, जिसका दादर के आगरा बाज़ार में सम्मान किया जाता था।

मुंबई आने के बाद सुर्वे ने गैंग बनाना शुरू की और अपने दो भरोसेदार साथी धारावी के शेख मुनीर और डोम्बिवली के विष्णु पाटिल के साथ एक सशक्त गैंग का निर्माण किया। मार्च 1980 में उनकी गैंग में एक और गैंगस्टर, उदय भी शामिल हो गया।

इस गैंग ने अपनी पहली डकैती 5 अप्रैल 1980 को की, जिसमे उन्होंने एम्बेसडर कार चोरी थी। बाद में पता चला की इसी गाड़ी का उपयोग करी रोड पर लक्ष्मी ट्रेडिंग कंपनी में 5700 रुपये लूटने के लिए किया गया था। 15 अप्रैल को, उन्होंने सामूहिक रूप से हमला किया और शेख मुनीर के दुश्मन शेख अज़ीज़ को मार दिया। 30 अप्रैल को, अपने सामूहिक विरोधी विजय घाडगे का दादर के पुलिस स्टेशन में मार्गरक्षण करते समय उन्होंने पुलिस कांस्टेबल पर छुरा भी खोप दिया।

जेल से निकलने के बाद मन्या ने एक प्लाट ले लिया था और फिर मन्या ने सरकारी मिल्क स्कीम की बोली के पैसो को लूटा और मुंबई अंडरवर्ल्ड में अपनी पहचान बनाई। इसके बाद इसी गैंग ने दयानंद, परशुराम काटकर और किशोर सावंत के साथ मिलकर महिम के बादल बिजली बरखा के पास एक कार की चोरी की। इसके बाद चोरी की यही गाड़ी मुंबई में बांद्रा के नेशनल कॉलेज के पास पायी गई।

मन्या सुर्वे द्वारा की गयी एक और चोरी में कैनरा बैंक से चुराए गये 1.6 लाख भी शामिल है। लेकिन धीरे-धीरे मन्या सुर्वे की आतंकी गतिविधियाँ बढ़ने लगी। इसके बाद वह नारकोटिक्स ट्रैफिकिंग में भी शामिल था, क्योकि मन्या को यकीन था की इस धंधे में वह ज्यादा से ज्यादा पैसा कमा सकता है।

उसी समय मुंबई पुलिस ने भी अब क्रिमिनल गतिविधियाँ करने वाला लोगो का तमाशा देखना बंद कर दिया था और अब वे उनका एनकाउंटर करने लगे। उस समय पुलिस फ़ोर्स ने इकठ्ठा होकर अंडरवर्ल्ड को एक संदेश भी भेज दिया की : अब वे उनकी गतिविधियों को और ज्यादा सहन नही करेंगे। और इसी के चलते मन्या सुर्वे के ऑपरेशन को शुरू किया। इंस्पेक्टर ईसाक बागवान और राजा ताम्भट ने मन्या सुर्वे के केस को अपने हात में ले लिया था। और उन्होंने मन्या सुर्वे के खिलाफ ऑपरेशन की शुरुवात की और उन्होंने मन्या सुर्वे की गैंग के लोगो को पकड़ना शुरू किया।

22 जून 1981 को पुलिस ने कल्याण के पास की केमिकल कंपनी से शेख मुनीर से गिरफ्त कर लिया। इसके कुछ दिनों बाद ही, पुलिस ने गोरेगाँव के एक लॉज से दयानंद और परशुराम काटकर को भी गिरफ्तार कर लिया। इसके बाद अपनी गिरफ्त से घबराकर मन्या 19 नवम्बर 1981 को भिवंडी चला गया। और जब पुलिस ने मन्या सुर्वे के अपार्टमेंट की छान-बिन की तो उन्हें वहाँ देश में बने अवैध हथियार, ग्रेनेड और गोला-बारूद मिले।

एक सिस्टेमेटिक ऑपरेशन के चलते सुर्वे को आसानी से मार दिया गया। अपने साथी उदय की गिरफ्तारी के बाद मन्या सुर्वे की गैंग में वह अकेला बच गया था, जो जेल में नही था।

कारावास और पलायन :

उन्हें पुणे के येरवडा जेल में रखा गया, जहाँ सुर्वे ने वहाँ दुसरे गैंगस्टर सुहास भटकर उर्फ़ पोत्या भाई के साथ भयंकर प्रतिद्वंदिता विकसित की। इसके बाद सुर्वे की आतंकी रणनीति से परेशान होकर जेल अधिकारियो ने उन्हें रत्नागिरी जेल में स्थनान्तरित कर दिया। वहाँ सुर्वे ने भूख हड़ताल में हिस्सा लिया और इसके चलते स्थानिक अस्पताल में भर्ती करवाने से पहले उनका वजन 20 किलो कम हो गया था। सुर्वे ने इस मौके का भरपूर फायदा उठाया और 14 नवम्बर 1979 को भागने में सफल हुआ और 9 सालो तक जेल में रहने के बाद आख़िर भागकर मुंबई वापिस आ ही गया।

एनकाउंटर :

11 जनवरी 1982 को मन्या वडाला के आंबेडकर कॉलेज जंक्शन से एक टैक्सी से बाहर आ रहा था। कहा जाता है की दावूद इब्राहीम ने ही मुंबई पुलिस को मन्या सुर्वे को मारने की टिप दे रखी थी, कहा जाता है की दावूद ने ही मन्या सुर्वे के लोकेशन की जानकारी पुलिस को दी थी। 1.30 PM बजे 18 क्राइम ब्रांच ऑफिसर अपनी तीन टीम के साथ वहाँ मन्या का इंतजार कर रहे थे। तक़रीबन 20 मिनट बाद जब सुर्वे टैक्सी से अपनी गर्लफ्रेंड को पिक-उप करने के लिए अपनी टैक्सी से उतर रहा था, तभी पुलिस ने उसे देख लिया था।

मन्या ने जब पुलिस स्क्वाड को अपने पास पाया तो सुर्वे ने अपनी रिवाल्वर बाहर निकाली। लेकिन सुर्वे के ट्रिगर दबाने से पहले ही दो पुलिस अधिकारी राजा ताम्बट और ईसाक बागवान ने उनपर प्राणघातक हमला कर दिया, उन्होंने सुर्वे की छाती और कंधे पर पाँच गोलियाँ दाग दी थी।

इसके बाद सुर्वे को तुरंत एम्बुलेंस में डाल दिया गया। कहा जाता है की सियोन अस्पताल जाते समय मन्या सुर्वे बडबडा रहा था की पुलिस ने उन्हें खुद को साबित करने का एक भी मौका नही दिया। बाद में कुछ समय बाद ही उन्होंने अपनी चोटों के सामने घुटने टेक दिए। एक और आश्चर्यजनक बात यह भी थी की 12 मिनट के रास्ते को पूरा करने में उस समय पुलिस की कार को 30 मिनट का समय लगा। इसी एनकाउंटर के साथ ही मन्या सुर्वे की दहशत मुंबई के अंडरवर्ल्ड से गायब हो गयी। अपने दो वर्षो के अंतराल में मन्या सुर्वे में दावूद इब्राहीम को काफी भयभीत कर रखा था, जो आज तक कोई नही कर पाया। कहा जाता है की अंडरवर्ल्ड डॉन दावूद इब्राहीम ने पुलिस को मन्या सुर्वे को मारने की टिप दी थी।

1982 में महाराष्ट्र पुलिस द्वारा किये गये एनकाउंटर में मन्या सुर्वे की मौत हो गयी, उस समय महाराष्ट्र पुलिस का मुंबई शहर में यह चौथा एनकाउंटर था। मुठभेड़ होने के बावजूद 1980 के बाद मुंबई पुलिस द्वारा किये जा रहे एनकाउंटर की संख्या बढ़ने लगी और 1993 के मुंबई बम ब्लास्ट के बाद, पुलिस एनकाउंटर में तक़रीबन 622 लोग मारे गये थे।

प्रसिद्ध फिल्म:

मन्या सुर्वे के जीवन पर आधारित 2013 में एक फिल्म  शूटआउट एट वडाला मे जॉन अब्राहम मान्या सुर्वे का किरदार निभा रहे हैं। जॉन अब्राहम ने एक साल तक गैंगस्टर की जिदंगी जी ताकी वो मान्या सुर्वे जो कि एक गैंगस्टर था के किरदार के साथ पूरा न्याय कर सकें। शूटआउट एट वडाला फिल्म का मुख्य किरदार मान्या सुर्वे मुंबई पुलिस के द्वारा 1982 में किये गये शूटआउट में मारा गया था। इस शूटआउट को मुंबई पुलिस का पहला एनकांउटर कहा जाता है। जॉन अब्राहम ने इस कैरेक्टर को निभाने के लिए काफी मेहनत की है और साथ ही बिल्कुल मान्या सुर्वे का लुक ही धारण किया है। जॉन ने कहा कि उन्होंने असल में मान्या सुर्वे की जिंदगी जी है ताकि वो मान्या सुर्वे का किरदार निभा सकें।


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